आज का सच न्यूजधनबाद (17 जुलाई): इंग्लैंड के खिलाफ हुए दूसरे वनडे मुकाबले में मध्यक्रम की कमजोरियों के उजागर होने के बाद भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले निर्णायक तीसरे और अंतिम वनडे में इन कमियों को दूर करना चाहेगी, जिसमें जीत से विराट कोहली के खिलाड़ी लगातार 10वीं सीरीज अपने नाम कर लेंगे। नॉटिघंम में पहले मैच में 8 विकेट से जीत दर्ज करने के बाद लार्ड्स में टीम को 86 रन की हार झेलनी पड़ी, जिससे दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर आ गईं।
लंदन में जीत से इंग्लैंड का आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक वनडे टीम के रूप में शीर्ष स्थान पक्का हो गया। वहीं हेडिंग्ले में भारत के लिए जीत अंतर कम करने वाली और एक अगस्त से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज से पहले आत्मविश्वास बढ़ाने वाली रहेगी। भारत ने इससे पहले टी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी। वहीं द्विपक्षीय वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
जनवरी, 2016 से भारत को ऑस्ट्रेलिया में 1-4 से हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन इसके बाद से उसने हर द्विपक्षीय वनडे सीरीज अपने नाम की है। टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे, न्यू जीलैंड (दो बार), इंग्लैंड, वेस्ट इंडीज, श्री लंका (दो बार), ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को घरेलू और उसके मैदान पर पराजित किया। टीम इंडिया के लिए यह इंग्लैंड पर वनडे श्रेष्ठता सुनिश्चित रखने का एक और मौका होगा, क्योंकि भारत ने 2011 के बाद इस प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ द्विपक्षीय सीरील नहीं गवाई है। 7 साल पहले यहां 0-3 हार के बाद भारत ने दबदबा बरकरार रखा है और 17 मैचों में से 10 में फतह हासिल की है।
2015 के बाद से इंग्लैंड के सफेद गेंद के क्रिकेट में प्रभुत्व को देखते हुए पिछले दो मुकाबलों में समीकरण संतुलित हो गए हैं। भारत ने जनवरी 2017 में घरेलू सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की थी और मौजूदा सीरीज में भी मुकाबला इसी अंतर पर समाप्त होगा, भले ही कोई भी टीम जीते। हालांकि इंग्लैंड का टी 20 के बजाय वनडे में दबदबा मजबूत है। पिछले मुकाबले को देखा जाए तो इसमें भारत की 50 ओवर के प्रारूप की कमजोरी उजागर हुई जो टी 20 क्रिकेट की वजह से कुछ हद तक छुपी रही हैं।
भारतीय स्पिनरों की बात करें तो वे पूरे मैच में प्रभावशाली रहे, लेकिन तेज गेंदबाजी आक्रमण में पैनेपन की कमी दिखी, विशेषकर अंतिम ओवरों में। लार्ड्स में अंतिम आठ ओवरों में उन्होंने 82 रन गंवाए, जिसमें उमेश यादव, सिद्धार्थ कौल और हार्दिक पंड्या ने छह ओवरों में 62 रन लुटाए। इससे भारतीय टीम की भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह पर निर्भरता भी दिखी।