आज का सच न्यूजधनबाद ( 16 जुलाई ): अर्जेंटीना की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले युवा लड़के गरीबी से निकलने के लिए फुटबॉल का रास्ता चुनते थे, लेकिन हाल ही में इनका रुझान क्रिकेट की तरफ बढ़ा है। इसका कारण कैथोलिक चर्च द्वारा चलाई जा रही एक मुहिम है। डिएगो माराडोना और लियोनेल मेसी के इस गढ़ में अब काफी लोग क्रिकेट खेलने लगे हैं। यहां के लोगों को आसानी से क्रिकेट की प्रैक्टिस करते देखा जा सकता है। बता दें कि अर्जेंटीना को फुटबॉल की वजह से ही जाना जाता है।
इस बारे में 20 साल के लुकास एगुलिएरा ने कहा, ‘मैंने 9 साल पहले शुरुआत की थी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं यहां अभ्यास करने वाला पहला बच्चा हूं। मेरे पड़ोसी मुझे यहां लेकर आए थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि यह चर्च द्वारा लाया गया नया खेल है।’
लुकास उन 6 से 20 की उम्र के 1,200 खिलाड़ियों में से हैं जो यहां अभ्यास कर रहे हैं। वह उन खिलाड़ियों में से हैं जो वैटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मिलने आए थे और यहां 2007 में दोस्ताना मैच खेला था। वह दक्षिण अमेरीकी चैंपियनशिप जीतने वाली अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा थे। क्रिकेट विदाउट बॉडर्स की शुरुआत 2009 में हुई थी, जिसे डेनियल जुआरेज और सिल्वइनना रोमन ने शुरू किया था।
जुआरेज ने कहा, ‘हम मुख्यत: सिखाते हैं कि सम्मान कैसे किया जाना चाहिए। अपने विपक्षी का सम्मान, खेल का सम्मान। इसके अलावा हम अपने आप में सुधार करने के तरीके भी बताते हैं। हम इन चीजों को बच्चों को सिखाते हैं ताकि वह हकीकत का सामना कर सकें।’ जुआरेज का मानना है कि क्रिकेट एक अलग खेल है, जो युवा खिलाड़ियों को एक अच्छा इंसान बनने में मदद करता है।