29/11/2025
धनबाद : उम्र के आखिरी पड़ाव में बेटा-बेटी एवं परिजनों के द्वारा बेघर किए गए बुजुर्गों का हाल जानने एवं उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी,अवर न्यायाधीश मयंक तुषार टोपनो,रजिस्ट्रार सिविल कोर्ट आई जेड खान,लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की टीम के साथ सहयोगी नगर सेक्टर तीन स्थित लालमणि वृद्धा सेवाआश्रम पहुंचे.जहां वृद्ध जनों के बीच न्यायाधीश ने कंबल,भोजन का वितरण किया.इस मौके पर न्यायाधीश श्री तिवारी ने कहा कि वृद्धजनों की जरूरतों को पूरा करने और वृद्धजनों की भावात्मक जरूरतों के प्रति संवेदनशील सामाजिक वातावरण बनाए जाने की आवश्यकता है।माता-पिता और बुजुर्गों को बोझ न मानकर सम्मान और सुरक्षा देना न केवल हमारा नैतिक कर्तव्य है बल्कि कानून द्वारा भी संरक्षित है. उन्होंने कहा कि वृद्धजन समाज की धरोहर हैं, और उनका सम्मान तथा देखभाल करना हम सबकी जिम्मेदारी है.माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 इसी उद्देश्य से बनाया गया है.जागरूकता शिविर में अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार मयंक तुषार टोपनो ने कहा कि वृद्धजन बोझ नहीं हमारे अनुभव का खजाना हैं.उन्होंने विधि स्वयंसेवकों को कहा कि हम यह सुनिश्चित करें कि कोई भी अनपढ़ या असहाय बुजुर्ग अपने अधिकारों से वंचित न रहे और उन्हें समय पर न्याय तथा आर्थिक सहायता मिल सके. इस मौके पर डीएसडब्ल्यू स्नेह कश्यप,एलएडीसीएस के चीफ कुमार विमलेन्दु,डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट असिस्टेंट कन्हैयालाल ठाकुर पैरालीगल वॉलंटियर चंदन कुमार,हेमराज चौहान, संध्या देवी,डालसा सहायक सौरभ सरकार ,अरुण कुमार वृद्धाश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी,सहसचिव सुरेंद्र कुमार यादव,सुधीर बर्नवाल,ओमकार मिश्रा,मानस रंजन पाल,सराय ढेला थाना प्रभारी व दर्जनों लोग उपस्थित थे.