21.12.2018
रांची : झाविमो के केन्द्रीय प्रवक्ता योगेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि झारखंड सरकार की पहचान अब यू-टर्न सरकार के रूप में होने लगी है। सरकार ने अपने ही कई निर्णयों को पलटकर जाने-अनजाने यह उपमा अपने नाम कर लिया है। यह प्रमाण है कि रघुवर सरकार बगैर जनभावना का ख्याल किए और अपरिपक्व सरकार की तरह ही कोई भी निर्णय ले लेती है जिसका खामियाजा बाद में राज्यवासियों को उठाना पड़ता है। ताजा उदाहरण शराब बिक्री पर सरकार द्वारा यू-टर्न का है। सरकार ने मंत्रिपरिषद् की बैठक में पुनः शराब को निजी हाथों में सौंपनें का निर्णय लिया है। सरकार का शराब मसले पर लिया गया दोनों निर्णय गलत था। चाहे वह खुद शराब बेचने का हो या निजी हाथों में सौंपनें का। सरकार द्वारा खुद शराब बेचने पर 120 करोड़ के राजस्व का अतिरिक्त लाभ होने का तर्क दिया गया था। जबकि हकीकत इसके विपरीत रही। दरअसल सरकार को बिहार की तरह झारखंड में भी अविलंब शराबबंदी की घोषणा करनी चाहिए। जब बिहार जैसा प्रदेश शराबबंदी से कम हुए राजस्व की भरपाई दूसरे मदों से कर सकता है तो झारखंड सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती है। झाविमो प्रारंभ से ही झारखंड में शराबबंदी की पक्षधर रही है और हमारी पार्टी अविलंब शराबबंदी की मांग दुहराती है। वहीं सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक में भी रघुवर सरकार को भारी जनविरोध के कारण यू-टर्न लेना पड़ा था। इसके अलावा और कई मामलों में सरकार ने अपनी किरकिरी कराने का काम खुद किया है।