18/10/2025
रिपोर्ट : वरुण वैध
धनबाद // त्योहारों की रौनक के बीच एएसजी आई हॉस्पिटल ने दिवाली के मौके पर एक सराहनीय सामाजिक पहल शुरू की है। अस्पताल ने घोषणा की है कि 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पटाखों से संबंधित आंख की चोटों का निःशुल्क परामर्श और आवश्यक सर्जरी की जाएगी। यह सुविधा 15 से 25 अक्टूबर 2025 तक देशभर के सभी एएसजी आई हॉस्पिटल केंद्रों पर उपलब्ध रहेगी।अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि मरीजों को केवल फार्मेसी, एनेस्थीसिया और ऑप्टिकल सेवाओं की लागत वहन करनी होगी, ताकि गुणवत्तापूर्ण उपचार सभी के लिए सुलभ हो सके।
👉 बच्चे सबसे ज्यादा जोखिम में
हर साल दिवाली के दौरान पटाखों से आंखों में गंभीर चोटें आम हो जाती हैं।राष्ट्रीय आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में देशभर में पटाखों से जुड़ी आंख की चोटों के 2,000 से अधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें लगभग 60 प्रतिशत पीड़ित बच्चे (15 वर्ष से कम उम्र) थे। इनमें से करीब 10 प्रतिशत बच्चों की दृष्टि स्थायी रूप से प्रभावित हुई।अध्ययनों से यह भी पता चला है कि त्योहारों के समय आपातकालीन नेत्र आघात के करीब 20% मामले पटाखों से जुड़े होते हैं, जिनमें 85% पुरुष और 30% नाबालिग बच्चे शामिल हैं।
👉 "सुरक्षित दिवाली मनाएं, आंखों की रक्षा करें"
एएसजी आई हॉस्पिटल के डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा की दिवाली खुशियों का पर्व है, पर पटाखों से एक पल की असावधानी बच्चों की आंखों की रोशनी छीन सकती है। इस पहल के जरिए हमारा उद्देश्य न केवल निःशुल्क इलाज देना है, बल्कि लोगों में सुरक्षित दिवाली के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है।उन्होंने कहा कि यह अभियान अस्पताल की सामुदायिक जिम्मेदारी का हिस्सा है और जरूरतमंद बच्चों के लिए राहत का काम करेगा।
👉एएसजी की सामाजिक प्रतिबद्धता
भारत की दूसरी सबसे बड़ी सुपरस्पेशलिटी आई हॉस्पिटल चेन और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी नेत्र संस्थान के रूप में, एएसजी आई हॉस्पिटल उन्नत तकनीक, अनुभवी विशेषज्ञों और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है।
अस्पताल समय-समय पर ऐसे सामुदायिक स्वास्थ्य अभियानों के माध्यम से समाज में योगदान देता रहा है।
👉दिवाली में आंखों की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों की सलाह
एएसजी आई हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने लोगों से पटाखे फोड़ते समय खास सावधानी बरतने की अपील की है:पटाखे जलाते या पास रहते समय सुरक्षात्मक चश्मा (गॉगल्स) पहनें।5–6 मीटर की दूरी बनाकर खुले स्थानों में ही पटाखे चलाएं।बच्चों को पटाखों से दूर रखें, और केवल बड़ों की निगरानी में ही उन्हें शामिल करें।केवल प्रमाणित व पर्यावरण-अनुकूल पटाखों का प्रयोग करें।अधजले पटाखे (डड्स) को दोबारा जलाने की कोशिश न करें।पटाखे छूने के बाद हाथ अच्छी तरह धोएं, ताकि रासायनिक अवशेष आंखों में न जाएं।शराब या नशे की हालत में पटाखे न चलाएं।आंख में चोट लगने पर रगड़ें या दबाएं नहीं, बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
👉 जरूरत पड़ने पर कहां संपर्क करें
एएसजी आई हॉस्पिटल ने आपात स्थिति में त्वरित सहायता के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800 1211 804 जारी की है।