30.11.2018
धनबाद
महात्मा गांधी की 150 में जन शताब्दी के अवसर पर सेमिनार का आयोजन
दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर बीएसएस बालवाड़ी विद्यालय में जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने राष्ट्रपिता की जीवनी पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पद चिन्हों पर आजीवन चले। उन्होंने छात्रों से महात्मा गांधी के व्यक्तित्व के अनेक प्रसंग बताएं तथा उनके पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया। साथ ही बताया कि राष्ट्रपिता स्वच्छता के प्रति बहुत ही जागरूक थे।जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने छात्रों से स्कूल परिसर, अपने आवास, अड़ोस पड़ोस के क्षेत्र को साफ रखने के लिए प्रोत्साहित किया।इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य विंद किशोर झा ने राष्ट्रपिता की जीवनी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी बहुत ही सरल व्यक्तित्व के इंसान थे और हमेशा सादा जीवन ही व्यतीत करते थे। उनका रहन-सहन, खान-पान बहुत ही सरल था। महात्मा गांधी हमेशा सत्य बोलते थे और सत्य और अहिंसा ही उनका अस्त्र था।स्कूल के शिक्षक दिलीप कुमार कर्ण ने महात्मा गांधी के जीवन के अनेक रोचक प्रसंगों के बारे में बताया। बताया कि जब महात्मा गांधी के स्कूल में निरीक्षक जांच करने आए थे तब गांधी जी ने कुछ शब्द गलत लिख दिए थे। फिर भी उन्होंने अगल बगल के छात्रों से चोरी नहीं की। बताया कि एक बार साबरमती आश्रम में एक चोर घुस आया था। उसे लोगों ने पकड़ लिया। तब महात्मा गांधी ने उस चोर को अपने पास बुला कर बैठाया। उसे नाश्ता इत्यादि कराया तथा उसे चोरी करने का कारण पूछा। फिर चोर को सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। बापू की बातों को सुनकर चोर उनके चरणों पर गिर पड़ा और आजीवन सत्य के मार्ग पर चलता रहा।सेमिनार में कक्षा 7 की सोनाली कुमारी ने महात्मा गांधी की जीवनी पर प्रकाश डाला। बताया कि महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किया। सभी आंदोलन अहिंसक थे और इसी के बलबूते पर उन्होंने देश को आजादी दिलाई।कक्षा 7 की हिमानी कुमारी ने महात्मा गांधी के तीन बंदरों के उपदेश दिए और कहा कि महात्मा गांधी ने बुरा नहीं देखने, बुरा नहीं सुनने और बुरा नहीं बोलने के लिए यह संदेश दुनिया को दिया। साथ ही उन्होंने एक गीत भी गाया "दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल"।सेमिनार में गांधी पर बनी फिल्म भी दिखाई गई तथा माननीय प्रधानमंत्री पर बनी फिल्म चलो जीते हैं भी प्रदर्शित की गई।साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से राष्ट्रपिता की जीवनी तथा डांडी मार्च की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के समापन पर प्रशंसा कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।