12.01.2020
धनबाद सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ वासेपुर में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना आज दसवें दिन भी जारी रहा जिसमे कई राजनीतिक दल एवं संगठन के अनेकों दिग्गजों ने अपनी उपस्थित दर्ज़ कराई और इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया विशेष रूप से महिलाओं की उपस्थित अधिक रही।वहीं धनबाद विधायक राज सिन्हा के द्वारा दिये गए बयान की "सीएए का विरोध करने वालों को भारत में रहने का कोई हक नहीं है" इस पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे शर्मनाक करार दिया। लोगों ने विधायक के बयान पर आपत्ति दर्ज़ करते हुए कहा की मोदी सरकार द्वारा निर्माण किये जा रहे भारत के नये संविधान का विरोध करने वालों को ये भारत से जाने का उपदेश देते हैं जिसकी जितनी भी आलोचना की जाए वो कम है। वहीं लोगों ने बताया की राज सिन्हा ने जिस प्रकार से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नसीहत दी की वो सिर्फ एक वर्ग के मुख्यमंत्री नहीं हैं ठीक उसी प्रकार से राज सिन्हा को भी समझना चाहिये की वो भी किसी एक समुदाय के विधायक नहीं है वर्ना पिछले 10 दिनों से धरना पर बैठी जनता की सुद्धि लेने ज़रूर आते। विधायक तो केवल चुनाव के समय जल्दबाजी में पूल का शिलान्यास कर लोगों का वोट लेने आते हैं। वो तो केवल दिखावा और ढोंग करने के लिये पवित्र कुरान की आयत अपने पास रखते हैं और जताते हैं की वो मुस्लिमों से भी प्यार करते हैं जबकि अल्पसंख्यकों से उन्हें हमदर्दी होती तो वो धरना स्थल पर ज़रूर आते और लोगों की बात सुनते जबकि वो पूरे धनबाद के विधायक हैं।निश्चित रूप से उनका ये आखिरी कार्यकाल है और जनता उनके घमंड को जल्द ही चकना चूर करेगी।बता दें की सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में बिना अनुमति के निकाले गए शांतिपूर्वक जुलुस के कारण अली अकबर, हाजी ज़मीर आरिफ, शादाब आलम, नौशाद खान, सैय्यद मोहम्मद शाहबाज़, सैय्यद मोहम्मद साजिद, गुलाम सरवर के रूप में सात लोगों को नामज़द अभियुक्त बनाया गया साथ ही 3000 अज्ञात लोगों पर विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज़ किया गया है जिससे जनता में बहुत ही नाराज़गी है जबकि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड सरकार को भी हस्तक्षेप करना पड़ा और राज द्रोह की धारा को हटाने का आदेश दिया है।