19.11.2019
AKS डेस्क
धनबाद/पेट्रोल पम्प व्यवसायी और नामी गिरामी ठेकेदार तथा समाजसेवी राकेश ग्रोवर ने आज सन्ध्या बलियापुर स्थित बिरसा सर्विस स्टेशन नामक पेट्रोल पम्प के कार्यालय में खुद को गोली मार ली। राकेश ग्रोवर की मौके पर ही मृत्यु हो गयी। आचार संहिता लगने के बाद भी राकेश ग्रोवर के पास उनका लाइसेंसी पिस्टल कैसे था, स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन ग्रोवर द्वारा हथियार जमा नही कर उसे साथ में लेकर घुमने के बाद भी क्या कर रही थी? यह गम्भीर और बड़ा सवाल है।बलियापुर मोड़ के समीप स्थित बिरसा सर्विस स्टेशन नामक पेट्रोल पम्प राकेश ग्रोवर का था। सूत्रों ने बताया कि भले ही यह पम्प अभी भी कागज पर राकेश ग्रोवर के नाम था लेकिन वास्तविकता यह है कि धनबाद के सरायढेला में रहने वाले आलोक अग्रवाल अब इस पेट्रोल पम्प के मालिक हैं। तब सवाल यह उठता है कि राकेश ग्रोवर तब इस पेट्रोल पम्प के कार्यालय में क्या कर रहे थे। उन्हें आत्म हत्या करने के लिए यही उपर्युक्त स्थान क्यों लगा। आचार संहिता लगने के बाद सभी लाइसेंसियों को अपना हथियार जमा करने का आदेश जिला प्रशासन ने दिया था। समय पर लाइसेंस सत्यापन नही कराने वाले कुछ लोगों के लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव भी वरीय पुलिस अधीक्षक ने उपायुक्त के पास भेजा है। फिर राकेश ग्रोवर के पास अब तक लाइसेंसी पिस्टल कैसे था, जिससे उसने अपनी कनपट्टी में गोली मार आत्म हत्या कर ली।राकेश ग्रोवर ने पेट्रोल पंप का कार्यालय अंदर से बन्द कर खुद को गोली मारी थी। गोली चलने की आवाज सुन वहां के कर्मियों ने इसकी सूचना आलोक अग्रवाल को दी। आलोक अग्रवाल ने ग्रोवर परिवार को इसकी सूचना देते हुए तत्काल सभी पम्प पर पहुंच गए। परिजनों ने राकेश ग्रोवर को आनन फानन में उठाकर पी एम सी एच लाया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।घटना की सूचना जंगल की आग की तरह फैल गयी। बलियापुर, धनबाद, झरिया से लोग पी एम सी एच पहुंच गए। राकेश ग्रोवर सामाजिक कार्यो में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे। उनके जानकारों ने बताया कि नेशनल बिल्डिंग कॉर्पोरेशन के अंदर इन्होंने बिहार में ठेकेदारी किया था। जहां करोड़ों रु का भुगतान फँसा हुआ है। झरिया, बोर्रागढ़ के कुछ लोगो और एक आउट सोर्सिंग कम्पनी के संचालक से लेन देन का मामला भी फँसा हुआ था, जिसे लेकर यह तनाव में चल रहे थे।