17.11.2019
रिपोर्ट- AKS डेस्क
धनबाद/उपायुक्त ने किया एमसीएमसी कोषांग का निरीक्षण ,समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर नजर रखने के लिए दिए टिप्स।सोशल मीडिया पर किसे फॉलो करना है, इसकी सूची बनाने का दिया निर्देशजिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अमित कुमार ने आज मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी (एमसीएमसी) कोषांग का निरीक्षण किया।इस अवसर पर उन्होंने एमसीएमसी कोषांग में प्रतिनियुक्त कर्मचारियों को समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रकाशित व प्रसारित पेइड न्यूज़ पर बारीकी से नजर रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति किसी एक चैनल पर प्रसारित होने वाले समाचारों पर विशेष नजर रखें। प्रतिदिन वह अपनी एक रिपोर्ट भी तैयार करें।एमसीएमसी कोषांग में विभिन्न समाचार पत्रों पर निगरानी रखने वाले कर्मचारियों से उन्होंने कहा कि कोई भी पेड न्यूज़ उनकी नजर से छूटने नहीं चाहिए।साथ ही जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त ने सोशल मीडिया पर नजर रखने वाले कर्मचारियों से कहा कि उन्हें किसको फॉलो करना है, उसकी एक सूची बनाएं तथा उस सोशल मीडिया अकाउंट पर बारीकी से नजर रखें।निरीक्षण के दौरान उन्होंने एमसीएमसी कोषांग में रखे कंप्यूटर के कंटेंट, सोशल मीडिया पर नजर रखने के तरीके, विभिन्न समाचार पत्रों की कतरनों का निरीक्षण किया तथा मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग की रिपोर्ट भी देखी और कार्य को और बेहतर तरीके से करने के लिए टिप्स भी दिए।मुद्रक, प्रकाशक को मुद्रण सामग्री में देना होगा नाम और पूरा पता।उन्होंने कहा कि प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रकाशित या प्रसारित विज्ञापन को उम्मीदवार के चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा। पेइड न्यूज़ पर उम्मीदवार को नोटिस जारी किया जाएगा और पूछा जाएगा कि क्यों नहीं इसे उनके चुनावी खर्च में शामिल किया जाए।विज्ञापनों के प्रकाशन और प्रसारण के लिए उम्मीदवार की सहमति अनिवार्य होगी। इसका उल्लंघन करने पर प्रकाशन या प्रसारण करने वाले मीडिया पर आईपीसी की धारा 171 'एच' के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसकी निगरानी भी एमसीएमसी करेंगी।समिति द्वारा चुनाव प्रचार के लिए मुद्रित पेंप्लेट, पोस्टर, हैंड बिल तथा अन्य सामग्री पर भी नजर रहेगी। इन सामग्रियों पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम एवं पूरा पता होना अनिवार्य रहेगा। साथ ही ऐसे विज्ञापन को अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा सर्टिफाइड किया जाएगा।फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब, इंस्टाग्राम इत्यादि सोशल मीडिया पर चलने वाले चुनाव अभियान पर कमिटी की विशेष नजर रहेगी। साथ ही समाचार पत्रों के ई-पेपर संस्करण पर प्रकाशित होने वाले चुनावी विज्ञापनों पर भी कमेटी नजर रखेगी।