30.09.2019
धनबाद
सभी विद्यालयों में चाइल्ड राइट एवं पोस्को एक्ट की जागरूकता के लिए कार्यक्रम चलाएं। बच्चियों को गुड टच एवं बैड टच के बारे में भी बताएं।नशे का शिकार बच्चों को मुख्यधारा से जोड़े।नशा देकर बच्चों से काम लेना बाल श्रम का सबसे बुरा रूप है।यह बातें उपायुक्त अमित कुमार ने समाहरणालय के सभागार में आयोजित जिला बाल संरक्षण इकाई तथा जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में कही।उपायुक्त ने कहा कि नशा करने के कारण बच्चों को 3-3 दिनों तक भूख नहीं लगती हैं। यह बहुत बुरा है।उपायुक्त ने अनाथ एवं परित्याग बच्चियों को कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में तथा बच्चों को आवासीय विद्यालयों में शिक्षा देने का निर्देश दिया।साथ ही उन्होंने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से जुड़े पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण लेने एवं प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक हर तीन माह में करने का निर्देश दिया। ग्राम व वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की प्रति माह बैठक करने का भी निर्देश दिया।बैठक में चाइल्ड लाइन से जुड़े सदस्यों को पहचान पत्र देने, बाल गृह की स्थापना करने, मुक्त कराए गए बालक बालिका का विद्यालयों में नामांकन करने, मानसिक रूप से दिव्यांग बालक एवं बालिकाओं के दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के संबंध में भी विचार विमर्श किया गया।बैठक में उपायुक्त श्री अमित कुमार, सिटी एसपी श्री आर रामकुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह अवर न्यायाधीश श्री अरविंद कच्छप, बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी, जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी अलका जयसवाल, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की पूूूनम सिंह, देवेन्द्र शर्मा, विदुतमा बंसल, धनंजय प्रसाद महतो व अन्य लोग उपस्थित थे।