18.09.2019
नई दिल्ली। कैबिनेट की बैठक में रेल कर्मचारियों के लिए उत्पादकता आधारित बोनस ( पीएलबी ) 78 दिन का भुगतान करने का फैसला किया गया है। सरकार के इस फैसले से कर्मचारी निराश हैं। आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेलमंत्री पियूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले में वो स्वयं हस्तक्षेप करें, जिससे कर्मचारियों को न्याय मिल सके।महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेलमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि बोनस के मामले में रेलवे बोर्ड में उचित स्तर पर चर्चा की गई थी, जिसमें हमने रेलवे कर्मचारियों द्वारा दी गई उत्पादकता के कारण पीएलबी के भुगतान के लिए दिनों की संख्या में वृद्धि का अनुरोध किया था । आपको बताना चाहता हूं कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में, रेलकर्मियों ने प्रतिदिन ढाई करोड़ से अधिक यात्रियों को ले कर 22,000 जोड़ी रेलगाड़ियों (यात्री और माल) के सुचारू और कुशल संचालन के लिए पूरा जोर लगा दिया था, और बाद में गतवर्ष की अपेक्षा इस साल अधिक मात्रा में माल ढुलाई कर रिकॉर्ड बनाया है। इतना ही नहीं इस वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य को पार कर लिया है। ये रिकार्ड ऐसे हालात में बनाया गया है कि जबकि रेल में बड़ी संख्या में वैकेंसी है, फिर भी समर्पित और ईमानदारी से काम करने की वजह से ये संभव हो पाया है।महामंत्री ने कहा है कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रेल कर्मचारी न सिर्फ मेहनत से काम करते हैं, बल्कि हर साल 400 से 600 कर्मचारी शहीद तक हो जाते हैं। इन हालातों में हम सभी को उम्मीद थी कि इस बार कर्मचारियों के मेहनत और परिणाम को देखते हुए बोनस कुछ बढ़कर मिलेगा, पर ऐसा नहीं हुआ। अच्छा होगा कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करें ताकि कर्मचारियों के साथ न्याय हो और वो और भी मेहनत से रेल की सेवा कर सकें।