11.09.2019
AKS डेस्क
राँची
झारखण्ड सरकार द्वारा झारखण्ड में लागू किये गये संशोधित मोटर व्हीकल कानून के खिलाफ एवं उससे उत्पन्न जनता में भारी आक्रोश को लेकर झाविमो ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तहत राज्य भर में आक्रोश मार्च निकाल कर एम0भी0आई0 एक्ट का विरोध किया। रांची में राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री एवं झाविमो सुप्रिमो बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में झाविमो, रांची महानगर एवं ग्रामिण जिला के हजारों कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान स्थित गांधी प्रतिमा से अल्बर्ट एक्का चैक तक साईकिल से आक्रोश मार्च निकालकर विरोध जताया एवं जनहित में संशोधित कानून को वापस लेने का मांग किया।इससे पूर्व झाविमो रांची महानगर के हजारों कार्यकर्ता झण्डा-बैनर एवं हाथों में तख्तीयां लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए जुलूस के रुप में अलब्र्ट एक्का चैक पहूंचे एवं घंटो प्रदर्शन कर आक्रोश मार्च को जनसभा में तब्दील कर दिया।मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्य रुप से उपस्थित पार्टी सुप्रिमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रघुवर सरकार द्वारा इस कानून को लागू करने से राज्य की जनता में भारी आक्रोश है।सरकार यातायात व्यवस्था के नाम पर जनता का भायादोहन कर रही है। जनता और पुलिस के बीच टकराव बढ़ रही है। लोग सड़कों पर गाड़ी लेकर निकलने से डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नोटबंदी और जी0एस0टी0 लागू कर जनता का खून चुसने के बाद संशोधित मोटर वाहन कानून भी इसी कड़ी का हिस्सा है।यह कानून पूर्ण रुप से अव्यवहारिक है।भाजपा सरकार को बहुमत की नसे में आम जनता की तकलीफें नजर नहीं आ रही है।यह सरकार पूरी तरह बौरा गयी है।दिलचस्प बात यह है कि गैर बीजेपी शासित कुछ राज्यों को तो छोड़िये जिस गुजरात माॅडल का ढोल बीजेपी हर समय पीटते रहती है उसी गुजरात में इस एक्ट को लागू नहीं किया गया।आखिर सवाल यह उठता है कि राज्य की रघुवर सरकार को इस वाले कानून को लागू करने में इतनी हड़बड़ाहट क्यों है? जनता इसका जबाब चाहती है।उन्होंने कहा कि इस सरकार की विदाई अब तय हो चुकी है।राज्य की भाजपा नीत सरकार को जनता का जितना चालान काटना था काट लिया,अब चालान काटने की बारी जनता की है। 2019 में इस सरकार की चलान जनता काट देगी।उन्होंने कहा कि कोई भी कानून जनता की सहुलियत के लिए होती है न कि परेशान करने के लिए।भाजपा अगर वास्तव में परिवहन व्यवस्था को सुधारना चाहती है,तो जनता को आॅन द स्पाॅट सशुल्क दस्तावेज तैयार करवाना चाहिए।इस कानून के लागू होने से पुलिस का व्यवहार गुंडों की तरह हो गई है।लोगों में दहश्त का माहौल है।इससे भ्रष्टाचार का बढ़ावा मिलेगा।हमारी मांग है कि सरकार इस जन विरोधी कानून को वापस लें ताकि जनता को राहत मिले।झाविमो का यह राजस्तरीय आंदोलन सांकेतिक था, अगर सरकार इसे वापस या व्यवहारिक नहीं बनाती है तो हमारी पार्टी बड़े स्तर पर आंदोलन चलाएगी।आक्रोश मार्च में मुख्य रुप से पूर्व मंत्री रामचन्द्र केशरी, केन्द्रीय महासचिव खालीद खलील, सरोज सिंह, महानगर अध्यक्ष सुनील गुप्ता, ग्रामिण जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल बड़ाईक, महासचिव जितेन्द्र वर्मा, संतोष कुमार, युवा मोर्चा के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह, शोभा यादव, जितेन्द्र कुमार, सुचीता सिंह, बल्कू उरांव, संजय टोप्पो, सरीफ अंसारी, दयानंद राम, अनीता गाड़ी, सम्पती देवी, तौहिद आलम,अभिजीत दत्ता, बंधना उरांव, मुन्ना बड़ाईक, मंतोष सिंह, नजीबुल्लाह खान,राम मनोज सिंह,आदित्य मोनू, राहुल शाहदेव, नेहा सिंह, जिवेश सोलंकी,तैमून अंसारी, डाॅ0 विनोद सिंह,विनीता मुण्डा, सुरेश शर्मा,नान्हे कच्छप, भीम शर्मा, मन्नु चैधरी, विनोद ठाकुर, रेयाज खान, राकेश सिंह, गुड्डु साहू,चांद मंसूरी, मो0 अलाउद्दीन,गुड्डु तिर्की, सोमित्रो भट्टाचार्य, मनोरंजन विश्वकर्मा, निर्मला देवी,अभिनव सिंह सहित हजारों की तदाद में उपस्थित थे।