08.09.2019
रिपोर्ट- वरुण वैद्य
धनबाद
पुटकी ऑल इंडिया साक्षरता प्रेरक संघ के बैनर तले साक्षरता प्रेरकों ने रविवार को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया। साक्षरता प्रेरकों ने पुटकी नॉडल कार्यालय से कला जत्था टीम और गाजे बाजे के साथ जुलूस के शक्ल में पुटकी मोड़ और थाना मोड़ मोड़ होते हुए नॉडल कार्यालय पहुंचा। इस दौरान प्रेरकों ने सरकार और स्थानीय व्यवस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आधी रोटी खाइए, बच्चों को पढ़ाइए.., नारी के बिना, हर बदलाव अधूरा है..., चूल्हा चक्की और सफाई फिर भी औरत करे पढ़ाई आदि नारे लगाए गए। संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि साक्षर भारत कार्यक्रम बंद हो गया है। हजारों साक्षरता प्रेरक बेकार हो गए हैं। प्रेरकों को भूख हैं। वे भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। दर दर भटक रहे हैं, लेकिन सूध लेने वाला कोई नहीं है। कहा कि प्रेरकों को हर हाल में स्थायीकरण करना होगा। बकाया मानदेय नहीं दिया गया है। बुनियादी साक्षरता परीक्षा का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। समाजिक बदलाव के साथ शिक्षा का अलख जगाने वाले साक्षरता प्रेरकों को मजबूरी में आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। कहा की स्थानीय गड़बड़ी व्यवस्था के कारण प्रेरक कई लाभ से वंचित रह गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर प्रेरकों को सौगात मिलने की संभावना थी, लेकिन आशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। कहा कि प्रेरकों के मांगों के लिए सरकार और स्थानीय व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मुमताज अंसारी, कोषाध्यक्ष संजीत कुमार भंडारी, जिला अध्यक्ष विनोद महतो, सचिव राजु बाउरी, महासचिव हकीमुद्दीन अंसारी, महफूज आलम, मीडिया प्रभारी इन्द्रदेव प्रसाद, मधेश्वर नाथ भगत, सुनीता देवी, राजाराम पासवान, यमुना रवानी, विनोद कुमार, नयीमुद्दीन, चंदा देवी, ज्योति सिंह, सरस्वती देवी, रेखा देवी, कृतिवास प्रमाणिक, गांधारी कुमारी, सुनिल पासवान, रेखा शर्मा, कृष्ण रजवार, काकुली राय, लक्ष्मी कुमारी, मुसरत खातुन, केन्द्र कुमार कमलेश्वर, मंजु कुमारी, नवल कुमार, विनोद रजक, संजु कुमारी, ललिता श्रीवास्तव, सरस्वती कुमारी, आजमा फिरदोस, सुनिता देवी, संगिता देवी, सुनिता देवी, राधु राय, आनंद महतो, चमेली देवी, सविता सिंहा, अमिता सिंहा, विजय लक्ष्मी, पिंकी प्रमिला, देवी रूना दत्ता, रूमा देवी, उमा देवी, सरिका कुमारी, प्रमिला देवी, मालती देवी, मंजु देवी, धनेश्रवरी देवी, आरती देवी, रमाशंकर प्रसाद, दिलिप महतो, कामेश्वर प्रसाद महतो सहित सैकड़ों प्रेरक उपस्थित थे।