23.08.2019
रिपोर्ट-गौतम मंडल
देवघर
देवघर जिले का इकलौता कोलयरी एसपी माइंस चितरा।कुबेर के इस गढ़ मे कही बदहाली है तो कही नियमो के साथ खिलवाड़।जिसे देखने वाला कोई नही है।यहां मजदूरो के हित की बात करने के लिए यूनियन है लेकिन किसी काम के नही।अथाह पैसा है लेकिन व्यवस्था नही।वर्षो से नियम कानून को ठेंगा दिखाकर काम करना नियति बन चुका है।चितरा कोलयरी की धरती ने विधायक स्पीकर और मंत्री तक दिए।लेकिन कोई भी व्यवस्था को सुधारने के प्रति रूचि नही दिखाया।हमारे संवाददाता ने जब इसीएल की चितरा कोलयरी का जायजा लिया तो कई बाते छन कर आई।केस स्टडी 1- चितरा कोलयरी में मजदूरो को कई महत्वपूर्ण सुविधाओ से परे रखा गया है।रोजाना हजारो मजदूर कोलयरी मे काम करते है।ट्रको मे कोयला लोड कर सैकड़ो मजदूर अपना परिवार पालते है । लेकिन इन्हें सुविधाओ के नाम पर झुनझुना थमाकर चुप करा दिया जाता है। शोषण यहां इस कदर हावी है कि मजदूर अपनी पीड़ा बताने तक डरते है ताकि उनका काम न छीन जाए।मजदूर यूनियन कई है लेकिन वो भी सिर्फ अपने काम के।सबसे बड़ी समस्या पहचान पत्र का है जो मजदुरो को नही दिया है।सुरक्षा के नाम पर दस्ताना बुट हेलमेट विरले ही देखते मिलता है।मजदूर कोयला लोड करते है लेकिन बिना किसी सुविधा के दिलचस्प बात यह है कि कोलयरी मे अधिकतर मजदूरो का निबंधन तक नही है।जिस वजह ये सरकारी लाभ से वंचित रह रहे है।केस स्टडी 2- इसीएल की इस कोलयरी मे कोयला को चूरने के लिए दो सीएसपी क्रेशर है। एक तो क्रेशर काफी ऊंचे स्थान मे स्थापित है वही यहां प्रदुषण मानको का अनुपालन नही किया जा रहा है।प्रदुषण इस कदर फैलता है कि यहां से गुजरना मुश्किल है।डंफरो मे कोयला लोड कर मशीन मे चूर्ण के लिए जब कोयला डाला जाता है तो काफी मात्रा मे प्रदुषण फैलता है। प्रदुषण नियंत्रण के लिए किसी प्रकार का उपाय नही किया गया है।यह सिलसिला सालो से चला आ रहा है।जिसे सभी नजरअंदाज कर चलते है।क्या कहते है नेता- मजदूर नेता पशुपति कोल ने कहा कि मजदुरो को किसी तरह की सुविधा नही मिली है।सबसे जरूरी पहचान पत्र होता है।जो प्रबंधन द्वारा आज तक नही दिया गया है।इसके अलावे मजदुरो को अन्य सुविधाओ से वंचित रखा जाता है।उन्होंने कहा कि कोयला चूरने वाले क्रेशर मे पानी छिड़काव कभी नही किया जाता है।प्रदुषण की जांच तक नही होती है।