08.08.2019
धनबाद
गाँव में शौचालय की कमी के कारण गाँव की महीलाओं को सौच करने बाहर खूले में जाना होता था। जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। खासकर उन दिनों जब पेट संभंधित परेशानी होती थी। इस तरह की विभिन्न परेशानियों के साथ हम सब महिलाओं को शौच के लिए बाहर खुले मैदान या जंगल में जाना पड़ता था।महिलाओं की इस समस्या के निवारण के लिए गाँव की एक महीला अंजू दीदी (पति- भीम सिंह) ने, जो स्वयं साहायता समूह की एक सक्रीय महीला है।वह गाँव के मुखीया को गाँव में सौचालय बनवाने हेतू एक आवेदन पत्र लिखा।मुखीया ने संज्ञान लेते हुए सौचालय का निर्मान प्रारंभ कराया और बनाई गय।आत्मसम्मान के रक्षा करने हेतु एक शौचालय।अंजू दीदी ने गाँव की गावँ में शौचालय बनवा कर महिलाओं का आत्म-सम्मान की रक्षा तो कि साथ-साथ महिलाओ की सोच को भी बदला।अब महिलाएं खुले में शौच नहीं करती,शौचालय का उपयोग करती है।आज उस गाँव की सभी घरों में करीब-करीब शौचालय का निर्माण हो चुका है,और सभी परिवार उसका उपयोग कर खुश और स्वस्त हैं।आज महिलाएं उनको अंजू दीदी कहकर सम्मान के साथ बुलातीं हैं।महीलाओं की सम्मान के लिए सरकार सौचालय प्रदान करा रहा है। यह सौचालय महीलाओं को शर्मिदगी से तो बचाता ही है, साथ ही कई गंभीर रोगो से भी दूर कर रहा है। हमारा भारत बदल रहा है। जहां चाह है, वही राह है...