01.08.2019
धनबाद
ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने अपने हिस्से एक और बड़ी उपलब्धि शामिल कर लिया है । यह यूनियन के ठोस जज्बे, लगातार संघर्ष और प्रशासन को निरंतर प्रतिवेदन देते रहने का ही परिणाम है कि यह सफलता मिली है। दरअसल, छठे वेतन आयोग के पूर्व धनबाद मंडल में कोल कमर्शियल विभाग में पदस्थापित वरीय वे ब्रीज लिपिकों को सामान्य वरीय वाणिज्य लिपिकों के अनुरूप ही वेतनमान मिला करता था।छठे वेतन आयोग के अनुशंसा में वरीय वाणिज्य लिपिकों को पहले 2400/- ग्रेड पे आवंटित किया गया था, जो पूर्व निर्धारित वेतनमान के अनुरूप नहीं था। इसे आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन ने रेलवे बोर्ड के समक्ष उठाया और इस पर रेलवे बोर्ड ने अपने आदेश संख्या 124/2008 के अंतर्गत इस कमी को दूर करते हुए निर्देश जारी किया कि वरीय वाणिज्य लिपिकों को 2800/- स्वीकृत कर लागू करने के आदेश दिए।धनबाद मंडल में सामान्य वरीय वाणिज्य लिपिकों को यह लाभ मिला लेकिन वरीय वे-ब्रीज लिपिकों को प्रशासन ने यह लाभ देने से मना कर दिया और कहा कि रेलवे बोर्ड के आदेश में संबंधित पदों का उल्लेख नहीं है।ईसीआरकेयू को जानकारी मिलते ही प्रशासन के समक्ष यह बात रखी कि विभिन्न भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त किए गए वाणिज्य लिपिकों में से ही कुछ को कोल कमर्शियल विभाग के अन्तर्गत वे-ब्रीज लिपिक के पदों पर पदस्थापित किया जाता है अतः इन्हें भी रेलवे बोर्ड के उक्त आदेश का लाभ मिलना चाहिए। परंतु वे-ब्रीज लिपिकों को वाणिज्य लिपिक मानने से इंकार करते हुए उन्हें यह लाभ देना हर स्तर पर अस्वीकार कर दिया गया।मंडल स्तर पर आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के जोनल सचिव ओ पी शर्मा ने यूनियन और प्रशासन की हर बैठक में यह मांग उठाई।उन्होंने सतत संघर्ष के जज्बे के साथ रेलवे बोर्ड तक प्रतिवेदन पहुंचाई तथा आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा के समक्ष बात रखी जिन्होंने रेलवे बोर्ड से यह स्पष्टीकरण निर्गत करवाया कि वाणिज्य लिपिक और वे-ब्रीज लिपिक एक ही हैं और उन्हें एक समान वेतनमान आदि का लाभ मिलना चाहिए।इसके आधार पर ईसीआरकेयू ने मंडल प्रशासन के समक्ष अनुरोध प्रस्तुत किया।वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी श्री उज्जवल आनंद ने सभी संबंधित अधिकारियों और ईसीआरकेयू प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक बुलाई, जिसमें अपर महामंत्री डी के पांडेय, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष मो ज़्याउद्दीन तथा एआईआरएफ के जोनल सचिव ओ पी शर्मा ने विधिवत तथ्यों को रखा।इसे मंडल रेल प्रबंधक,धनबाद की सहमति से महाप्रबंधक हाजीपुर के पास भेज दिया गया।जोन स्तर पर मुख्य कार्मिक अधिकारी और मुख्य वित्त सलाहकार कार्यालय से स्वीकृत कराने के लिए ईसीआरकेयू के महामंत्री एस एन पी श्रीवास्तव ने संबंधित अधिकारियों के समक्ष मामले का विस्तृत विश्लेषण रखा और अंततः इसमें इन अधिकारियों की स्वीकृति प्राप्त करने में सफलता मिली।अब महाप्रबंधक महोदय द्वारा भी अप्रूवल मिल जाने पर 01-01-2006 से सभी वरीय वे-ब्रीज लिपिकों को उच्चतम ग्रेड पे का लाभ एरियर सहित मिल जाएगा। इसमें वे कर्मचारी भी शामिल हैं जो रेल से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।उक्त जानकारी देते हुए एन के खवास ने बताया कि इस लंबे परिवाद को पूरा करने का श्रेय ईसीआरकेयू के नेतृत्व के सतत प्रयास को है।इस नामुमकिन मामले का समाधान हो जाने पर अब सदस्यों में पिछले तेरह वर्षों का वेतनलाभ एरियर सहित मिलने की खुशी की लहर दौड़ गई है।