धनबाद :- युवा मन को जोश व उमंग का उम्र कहा जाता है। यही उम्र का पड़ाव होता है, जब भविष्य को ले युवा मन द्वारा लक्ष्य साधा जाता है। पर, दुर्भाग्यवश जिले के युवाओं की नसों में जोश कम नशा ज्यादा दौड़ रहा है। जिले में स्मैक का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है और जिले की युवा पीढ़ी नशे की आदी होती जा रही है। जबकि जिम्मेदार पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहे हैं।
नशे के दलदल में फंसने वालों में अच्छे अच्छे परिवारों के बच्चे भी शामिल हैं जो पढ़ने लिखने की उम्र मेें नशे के आदी होते जा रहे हैं। नशे में छोटे छोटे बच्चे सुलेसन का सेवन तो किया ही जा रहा है। इसके अलावा जो इन दिनों नशा नसों में उतारा जा रहा है उनमें स्मैक का नाम पहले लिया जा रहा है। युवा पैसा नहीं होने पर चोरी, डकैती व लूटपाट जैसी घटनाओं में शामिल हो जाते हैं।