06.07.2020
धनबाद/निर्माण कार्य में अगर लूट की आखरी निशान देखना हो तो झारखंड धनबाद के बाघमारा में देखी जा सकती है। कोयलांचल के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मां नीलकंठ वासनी के लिलोरी मंदिर जहां 2013 में 4 एकड़ भूमि में बने 3 करोड़ की लागत से बने पार्क एवं विवाह भवन अब खंडहर में तब्दील हो गई है।खंडहर नुमा तथा धारासाई भवन निर्माण कार्य में अनियमितता सरकारी पैसों की बंदरबांट तथा लूट की सबूत चीख चीख कर दे रही है लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।कतरास स्थित लिलोरी मंदिर में प्रतिवर्ष करीब 5 से 7000 विवाह होती है लग्न के समय यहां काफी भीड़ भाड़ होती है। इसके मद्देनजर जिला परिषद ने मंदिर परिसर से सटे 4 एकड़ भूमि में 3 करोड़ की लागत से पार्क तथा विवाह भवन का निर्माण करवाया था। जिसका उद्घाटन तत्कालीन जिप अध्यक्ष माया देवी ने किया था। उद्घाटन के बाद से यहां शादी विवाह संपन्न होने लगा। लोगों को यहां एक ही जगह पर लगभग सभी प्रकार की सुविधाएं मिल रही थी। खासकर बारिश और धूप के समय इस विवाह मंडप का महत्व काफी बढ़ जाता था। भवन इतना बड़ा था कि एक ही समय में आसानी से एक साथ यहां दो-चार शादियां संपन्न हो जाती थी। लेकिन लोगों को यह सुविधा महज एक दौ वर्ष ही मिल सका। और पूरा भवन अनियमितता तथा सरकारी पैसों का बंदरबांट का भेंट चढ़ गया। भवन जहां-तहां से टूट गया भवन में लगे टाइल्स मार्बल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया जहां तहां फर्श धंस गया इसके साथ ही वर्ष 2017 में आए आंधी में भवन का छज्जा उड़ गया। भवन धीरे-धीरे पूरी तरह जर्जर होते गया। दरवाजे भी पूरी तरह से सड़ चुकी है। बहरहाल अब पार्क तथा भवन परिसर में जंगल झाड़ उग चुका है और मवेशियों का चारागाह बन गया है। शाम ढलते ही पूरा पार्क में असामाजिक तत्वों तथा नशेड़ीओं का जमावड़ा लगा रहता है।